बिशू मेला जौनसार बावर, जौनपुर, रंवाई, बंगाण, बिनार( उत्तराखंड) तथा हिमाचल के शिमला औरसिरमौर ज़िलों में भी आयोजित किए जाते रहे हैं । ये मेले वैशाख माह के मध्य के आस पास होते हैंI बिशू मेले के स्थल पहाड़ों में ऊँचे चोटी के समतल भाग, जो अत्यंत सुन्दर होते हैं, पर आयोजितकिए जाते हैं । यहाँ पर प्रकृति के अभूतपूर सौंदर्य के दर्शन भी हो जाते हैं ।
बिशू मेले हर क्षेत्र में दोप्रकार के होते हैं एक छोटा बिशू( नेंदरा बिशू ) जो वैसाखि के बाद एक दिन छोड़कर होता है उसकेअगले दिन गनियात बिशू मेला होता है जिसमें दूर दूर से कई खत गाँवों के लोग शामिल होते है ।आप तो ठाणा डांडा गनियात में बाहर (यहाँ तक कि अन्य राज्यों से भी) से बहुत सारे सैलानी() भीमेले को देखने आते हैं।
ठाणा डाण्डा जौनसार बावर के अति सुंदर और अभूतपूर्व बिशू गनियात मेले का स्थल है यह मेलाअप्रैल माह के १६ या १७ को दो खतों उप्पलगाँव और बनगाँव आयोजित करती हैं । इस स्थान परsun-rise और sun -set के अलौकिक नज़ारे देखने को मिलते है हिमालय पर्वत की लम्बीसृंखला भी देखने मिलती है। लोग अपने नए/सर्वोत्तम वस्त्रों के परिधानों में उपस्थित होते हैं तथाजौनसार बावर या कहें कि पहाड़ों की अनुपम संस्कृति, सुंदर लोक नृत्य व गायन को भी प्रस्तुतकरते हैं ।
ठोउड़ा भी गनियात मेले का विशेष आकर्षण होता है।
बिशू मेला खासकार बिशू गनियात आपसी मेल मिलाप का भी अवसर होता है। पूरे दिन चलने वालेमेले में स्त्रियाँ अपने साथ बाबर नामक पकवान की रोटियाँ साथ लाती हैं जिन्हें परस्पर इक्स्चेंजकरके चखा जाता है। परिवार और नाते रिश्तेदारों में भी बाबर रोटी वितरित की जाती है। बाबर गेहूंके आते मीठे पानी से गुंडा करके तली हुई रोटियाँ होती हैं। दो या तीन बाबर खाने से ही भरपूरआनंद और संतोष प्राप्त हो जाता है।
बिशू मेले कई अन्य स्थान पर भी आयोजित होते रहे हैं जिसमें चुराणी, क्वानू, डामठा, कुआ, आदिएक समय बहुत प्रसिद्द रहे हैं। लेकिन उनकी चमक धीरे धीरे कम हुई है जबकि ठाणा डाण्डा कागनियात बिशू मेला अपना आकर्षण बनाए रेक हुए है।
आशा है यह मेला यूँ ही उत्तम आयोजन के साथ आगे बड़ता रहेगा, साथ ही और बेहत्तर होता होतारहेगा।
सबासे जौनसार बावर Youtube चैनल पर ऐसे ही अवसर एक वीडियो अपलोडेड है। ईस विडीओमें आप कुछ वर्ष पूर्व ठाणा डाण्डा में दो खतों - उपलगाँव व बणगाँव द्वारा आयोजित बिशू गनियातमेले की अति सुन्दर झलकियाँ देख सकते हैं । ग्राम मैरावना, ख़त बंणगाँव, जौनसार बावर(जिलादेहरादून ) के युवक और युवतियाँ( रंईठूड़ियाँ व दियाँठूड़ियाँ), अति सुन्दर पौशकों में नृत्य व गीत ( जूडो नृत्य और झेंता नृत्य ) की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। ठोउड़ा नृत्य व खेल में जौनसार बावरके कई गाँवों के युवा सम्मिलित हुए हैं ।
लिंक नीचे दिया है विडीओ का आनंद लें :
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